Meet IPS Gupteshwar Pandey Sir.
पुलिस महानिर्देशक-बिहार (DGP-BIHAR),1987 बैच के आइपीएस अधिकारी गुप्तेश्वर पांडेय का जन्म बक्सर जिले के छोटे से गांव गेरुआ में 1961 में हुआ था।
बिजली, सड़क, अस्पताल और स्कूल जैसी मूलभूत सुविधाओं से कटे इस गांव के बच्चों को प्राथमिक शिक्षा के लिए नदी-नाला पार कर दूर के गांव जाना होता था। दूसरे गांव के स्कूल में भी मूलभूत सुविधाओं का अभाव था।
कोई बेंच-डेस्क-कुर्सी नहीं। गुरुजी के बैठने के लिए चारपाई और छात्रों के लिए बोड़ा या जूट की टाट। पढ़ाई का माध्यम भी ठेठ भोजपुरी।
ऐसे माहौल में गुप्तेश्वर की जीवन यात्रा की शुरुआत हुई। सुविधा विहीन परिवार, समाज और गांव से होने के बावजूद गुप्तेश्वर के दिल में कुछ बड़ा करने का जज्बा था और यही कारण रहा कि तमाम प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद बिहार पुलिस के शीर्ष पद की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।
12वीं कक्षा में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण करने के बाद इन्होंने पटना विश्वविद्यालय में नामांकन कराया और अपनी मेधा, परिश्रम और दृढ़संकल्प के जरिए बिना किसी कोचिंग के स्वाध्याय के बल पर 1986 में आइआरएस बने।
संतुष्ट नहीं हुए तो दोबारा परीक्षा दी और आइपीएस (IPS) बने। बिहार में सेवा का मौका मिला। 31 साल की सेवा में गुप्तेश्वर पांडेय एएसपी, एसपी, एसएसपी, डीआइजी, आइजी, एडीजी के रूप में बिहार के 26 जिलों में काम कर चुके हैं।
उन्हें कम्युनिटी पुलिसिंग के पुरोधा के रूप जाना जाता है। कम्युनिटी पुलिसिंग के जरिए ही उन्होंने 1993-94 में बेगूसराय, 1995-96 में बिहार के जहानाबाद जिले को अपराध मुक्त किया था।
Humans Of Bihar feels very proud to share his story.
We are very luck that we have such kind of legend with us.
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